तीन टाँग वाला बेख़ौफ़ कुत्ता
जिन्हे तुम सुंदर कहते थे, वे अपनी कुरूपता से भयभीत होकर भाग खड़ी हुईँ
Monday, October 26, 2009
असमंजस
जिन्हे तुम सुंदर कहते थे ....वो अपनी कुरूपता से भयभीत होकर भाग खड़ी हुवीं
____कुमार अरुणाचल
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.357 Magnum, 6-shot, Double Action. Range: Point Blank
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याद हो तुम मुझे
आग सेंकते सपने
कब से खामोश- ये सड़क
मुझे मेरे स्वप्नों से मुक्त करो
ख्यालों में तुम्हारे
कागज़ी दाव-पेच
कुछ चीज़ों का मिलना जायज़ है
हग दिया कौऐ ने
एक भयानक बदलाव
बदसूरत चेहरे का बोझ
इस तस्वीर का टूटना बनता है
दर्द और सिगरेट
अपने हाथों के सिराहने पे
शिष्टाचारी बलात्कारी, लापता कृष्ण
हैरत
असमंजस
...... और मैं
ये कैसी नीयत ?
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