Sunday, September 26, 2010

इतने बड़े होकर भी कर दी पैंट में पेशाब ?



मार के कराटे
कर देते थे तुम लाल ईंटा को ध्वस्त
और रख के रुमाल, बर्फ़ को चकनाचूर
तोड़वा लेते थे हॉकी स्टिक अपने मजबूत पेट में-
क्यूँ छुपा के चल रहे हो अपने तोंद को आज ?

ससर रहा है पेजामा
तशरीफ़ में चाबुक के निशान
लगता है चल गया हंटर वहाँ जोर से
और जब तुम्हारे चहेते अल्सेशियन ने ही
कुतर दिया चूतड़ तुम्हारा
तो नर्स को दिखाते आ रही शर्म?

तुम्हारी पशुता ने ही आज कर डाली
तुम्हारी पैंट गीली
अब पड़े रहो ऐसे ही बेबस
एक उल्टे तेलचट्टे की तरह



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