एक पहुँचा संत
उठा के पत्थर
अगर फोड़ दे मेरा सर
तो इसे क्या समझूँ ?
मेरी बात का विषैलापन
या उसके साधना की विफलता ?
क्यूँ हो जाती है फाँसी माफ़
उस जघन्य अपराधी की
जब वो कर लेता है ख़ुदकुशी ?
मेरे चिट्ठे को लौटा देती
गुस्से से, बिन दिए जवाब
पर आकर बैठती मेरे ही बगल
दोनों सेक्शन की संयुक्त क्लास में
ये हमारी समीपता है या समापन ?
समीपता है बुद्धू!
ReplyDeleteआकर्षण कैसा जो निकटता बरजने न लगे?
वैसे इस तरह के प्रश्न गणित में 100/100 पाने वाले के मन में भी आ सकते हैं।