Saturday, September 25, 2010

सँपेरे की तलाश



















दूह गया धामिन
जरसी गायों को
ग्वाले के सन्नाटे में।
मोह लिया गेहूँमन की आँखों को
सँपेरे की बीन ने।
पकड़ा गया विधुर बाप अकास्मात
करता हस्तमैथुन अपनी दासी की लोभ में
उसकी काली वीर्य की फुँकार ने
तुम्हें बदसूरत बना दिया
बन गयी हो तुम एक सस्ती लाश
और ये हैं तुम्हारे खरीदार।

जाकर पकड़ लाओ तुम भी एक दुर्दांत सँपेरा
और मत घुमा करो अकेले ऐसे सन्नाटे में।


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