Saturday, September 25, 2010
एक घासवाली से चाहत का इज़हार
शायद वो प्यार नहीं था
कामोत्तेजना था-
उदाहरण के लिए:
मैं उसके साथ बैठ कर
कपटी में चाय पीते-पीते
काफ़्का काका की कथाएँ
नहीं बतिया सकता
न ही अंग्रेजी की कुछ
बेहद रोमांटिक गानों का
मज़ा ले पाता साथ-साथ,
फिल्में तो छोड़ ही दें...
पर ये गलत होगा की मैं
अपने प्यार को
कामोत्तेजना कहकर पुकारूँ
पर इसका उपाय भी क्या हो?
जो लोग एक दूसरे से प्यार करते हैं,
यही सब चीज़ें तो साथ में करते हैं ।
पर मैं भी अगर एक महतो होता-
तब तो फिर ये प्यार ही होता
हाँ, तब ये निश्चित रूप से प्यार ही होता।
अब ठीक है।
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उदहारण - उदाहरण
ReplyDeleteकथाँए - कथाएँ
इस ब्लॉग का फ्लेवर ज़ुदा सा है।
धन्यवाद!
ReplyDeletesahi hai mayank...
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